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Dalhausie , Himachal Pradesh डलहौजी , हिमाचल प्रदेश

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डलहौजी , हिमाचल प्रदेश

धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित ‘डलहौजी’ एक बहुत की मनमोहक पर्यटन स्थल है। यह हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित है । जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग के सामान है। यह पुराने विश्व आकर्षण का प्रतीक है, जो अपने प्राकृतिक परिदृश्य, फूलों, घास के मैदान, शानदार धुंध के पहाड़ से हर किसी को अपनी ओर खींचता है।

अंग्रेजों के तत्कालीन वायसराय लार्ड डलहौजी के नाम पर इस जगह का नाम डलहौजी रखा गया। डलहौज़ी हिमांचल प्रदेश की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगहों में से एक है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है।

यहाँ प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रदान करता है। अगर आप हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने जा रहे हैं तो  इस प्राकृतिक सुंदरता वाले शहर डलहौजी और इसके आसपास की जगहों की यात्रा जरुर करना चाहिए।

डलहौजी की जलवायु साल भर सुखद रहती है। मार्च से जून महीने में घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है । सर्दियों में यहां का तापमान 1 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है और बर्फबारी होती है।

दर्शनीय स्थल Tourist Spots :

डलहौजी क्षेत्र में कई पर्यटन स्‍थल हैं जहां पर्यटक घूमने जा सकते हैं। सेंट फ्रांसिस चर्च, सेंट जॉन चर्च आदि प्रसिद्ध चर्च हैं। सुभाष बाओली में भारत की आजादी के लिए अजीत सिंह और सुभाष चंद्र बोस ने कई प्रयास किए थे। त्रिउंद , देनकुंड, खज्जियार, चंबा, व पंचपुला जैसे रमणीक पॉइंट हैं ।

पंचपुला:

पंचपुला हरे देवदार के पेड़ों के आवरण से घिरा एक झरना है जो डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। पंचपुला वो जगह है जहां पर पाँच धाराएँ एक साथ आती हैं। पंचपुला में एडवेंचर प्‍वांइट हैं जिप लाइन , रोक क्लाइम्बिंग ,ट्रेकिंग , कैम्पिंग , वेली क्रासिंग आदि एडवेंचर पर्यटकों के बीच लोक प्रिय हैं। पंचपुला वाटर फॉल पर खानपान , बच्चों के झूले आदि की भी सुविधाएँ हैंI पंचपुला मार्ग में सतधारा फाल भी पड़ता है ।

सतधारा फाल्स:

सतधारा झरना (सतधारा फाल्स) चंबा घाटी में स्थित है,जो बर्फ से ढके पहाड़ों और ताज़े देवदार के पेड़ों के शानदार दृश्यों से घिरा हुआ है। ‘सतधारा’ का मतलब होता है सात झरने, इस झरने का नाम सातधारा सात खूबसूरत झरनों के जल के एक साथ मिलने की वजह से रखा गया है।

भूरी सिंह संग्रहालय:

डलहौजी में भूरी सिंह संग्रहालय स्थित है यहां आकर सुंदर चित्रों को देख सकते हैं। इस संग्रहालय में मूल्‍यवान शारदा लिपि भी रखी हुई है।

कालाटोप :

कालाटोप खज्जियर अभयारण्य इसे कालाटोप वन्यजीव अभयारण्य भी कहा जाता है और डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह वनस्पति और जीवों से काफी समृद्ध है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करती है।

बकरोटा हिल्स:

बकरोटा हिल्स इसे अपर बकरोटा के नाम से भी जाना जाता है, यह डलहौज़ी का सबसे ऊँचा इलाका है यह खज्जियर के रास्ते की तरफ पड़ती है। यह क्षेत्र चारों तरफ से देवदार के पेड़ों और हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

सुभाष बावली:

सुभाष बावली डलहौजी में गांधी चौक से 1 किमी दूर स्थित एक ऐसे जगह है जिसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया। यहाँ पर सुभाष चंद्र बोस 1937 में स्‍वास्‍थ्‍य की खराबी के चलते आये थे और 7 महीने तक रहे थे।

गंजी पहाड़ी:

गंजी पहाड़ी पठानकोट रोड पर डलहौजी शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक सुंदर पहाड़ी है। इस पहाड़ी पर वनस्पतियों की अनुपस्थिति के कारण इसे गंजी पहाड़ी बोला गया। यह पहाड़ी एक पसंदीदा पिकनिक स्थल स्थल है।

डलहौजी कैसे पहुंचे How To Reach Dalhousie:

डलहौजी, दिल्ली से 563 , अमृतसर से 191 , चंबा से 56 और चंडीगढ़ से 300 किमी. की दूरी पर है। निकटतम एयरपोर्ट पठानकोट डलहौजी से 80 किमी. व कांगड़ा का गग्गल हवाई अड्डा निकटतम दूरी पर है। ट्रेन के लिए पठानकोट रेलवे स्‍टेशन नजदीक है । बस से आने वालों को दिल्‍ली या चंडीगढ़ से बस मिल जाएगी।

हवाई जहाज से डलहौजी पहुंचने के लिए कांगड़ा में गग्गल हवाई अड्डा 13 किमी , चंडीगढ़ 250 किमी, अमृतसर 205 किमी ।

डलहौजी का सबसे निकटतम रेल स्टेशन पठानकोट है। जो इस पहाड़ी शहर से 80 किमी दूर स्थित है और भारत के विभिन्न शहरों, जैसे दिल्ली, मुंबई और अमृतसर से कई ट्रेनों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

डलहौजी सड़क मार्ग की मदद से आसपास के प्रमुख शहरों और जगहों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। हिमाचल राज्य बस सेवा और लक्जरी कोच डलहौजी को आसपास की सभी प्रमुख जगहों और शहरों से जोड़ते हैं।

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