प्रियंका गाँधी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गाँधी की बेटी है।
उनकी दादी इंदिरा गाँधी और नाना जवाहर लाल नेहरू भी भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं।
उनके दादा फिरोज़ गाँधी एक संसद सदस्य थे और उनके परनाना, मोतीलाल नेहरु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण नेता थे।
उनकी शादी रॉबर्ट वाड्रा से हुई, जिसके बाद उनका नाम प्रियंका वाड्रा हो गया ।
प्रियंका के दो बच्चे हैं । बेटे का नाम रेहान और बेटी का नाम मिराया हैं।
लोग उनमें दादी इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं । सभी का मानना है कि प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को फायदा होगा ।
प्रियंका गांधी अपने अच्छे व्यक्तित्तव से मतदाताओं को अपने पक्ष में कर सकती है । उनके कई गुण उनकी दादी इंदिरा से मेल खाते है ।
पहले भी प्रियंका गांधी की वजह से कई चुनाव में काँग्रेस को बड़ा फायदा मिला है । प्रियंका गांधी का युवाओं के बीच बहुत बड़ा नाम है और वे हर सभा मे जनता के आकर्षण का केंद्र रहती हैं ।
वे अपनी माँ सोनिया और भाई राहुल के लिए राजनीति में न आकर बाहर से ही प्रचार करती रही हैं उन्होंने अपनी माँ और भाई के निर्वाचन क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी में नियमित रूप से दौरा और प्रचार किया, बीबीसी के एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि राजनीति शक्तिशाली नहीं है, बल्कि जनता अधिक महत्वपूर्ण है और मैं उनकी सेवा राजनीति से बाहर रहकर भी कर सकती हूँ।
प्रियंका का प्रचार और संवाद का तरीका बिल्कुल अपनी दादी इंदिरा गाँधी से मेल खाता है ।
निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में चुनाव के समय एक लोकप्रिय नारा है अमेठी का डंका, बिटिया प्रियंका ।
प्रियंका अपनी माँ की राजनीतिक सलाहकार की तरह चुनावों में काम करती रही हैं ।
2004 के भारतीय आम चुनाव में, वह अपनी माँ की चुनाव अभियान प्रबंधक थी और अपने भाई राहुल गाँधी के चुनाव प्रबंधन में मदद की।
एक प्रेस वार्ता में इन्ही चुनावों के दौरान उन्होंने कहा कि “राजनीति का मतलब जनता की सेवा करना है और मैं वह पहले से ही कर रही हूँ।”
गौरतलब है कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव बनाकर पूर्व उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी है ।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि हम कांग्रेस की विचारधारा के लिए लड़ रहे हैं, हम उत्तर प्रदेश की रा
जनीति को बदलना चाहते हैं , प्रियंका और ज्योतिरादित्य को मैनें यूपी दो महीने के लिए नहीं भेजा है, मैंने उन्हें मिशन दिया है कि वह पार्टी की सच्ची विचारधारा, गरीबों और कमजोरों की विचारधारा को आगे बढ़ाए , मुझे भरोसा है कि दोनों अच्छे से काम करेंगे ।