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भारत रत्न 2019

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन नामचीन हस्तियों को भारत रत्न देने की घोषणा की ।

इनमें पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी , दूसरे डॉ. भूपेन हजारिका और तीसरे नानाजी देशमुख को भारत रत्न दिया गया है ।

सामाजिक कार्यकर्ता और संघ विचारक नानाजी देशमुख और प्रख्यात संगीतकार भूपेन हजारिका को मरणोपरांत इस सम्मान से सम्मानित किया गया है।

प्रणब दा ने ट्वीट में लिखा, ‘भारत के लोगों के प्रति विनम्रता और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मैं इस महान सम्मान को स्वीकार करता हूं, देशवासियों ने मुझे शुभकामनाएं दीं, मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूं कि मैंने अपने महान देश के लोगों को जितना दिया है, उससे अधिक मुझे मिला है ।

क्या है भारत रत्न सम्मान :

1954 में इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान की शुरुआत की गई थी। इसकी स्थापना तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई।
भारत रत्न सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है । इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है ।

अब तक मिले भारत रत्न :

अब तक सी राजगोपालाचारी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चन्द्रशेखर वेंकटरमन, भगवान दास, एम विश्वेश्वरैया, जवाहर लाल नेहरू, गोविन्द बल्लभ पन्त, धोंडो केशव कर्वे, बिधान चंद्र रॉय, पुरुषोत्तम दास टंडन, राजेंद्र प्रसाद, जाकिर हुसैन, पांडुरंग वामन काणे, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, वीवी गिरि, के. कामराज, मदर टेरेसा, विनोबा भावे, ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान, एम जी रामचन्द्रन, बी आर अम्बेडकर, नेल्सन मंडेला, राजीव गांधी, वल्लभ भाई पटेल, मोरारजी देसाई, अबुल कलाम आजाद, जे आर डी टाटा, सत्यजित राय, गुलजारी लाल नंदा, अरुणा आसफ अली, ए पी जे अब्दुल कलाम, एम एस सुब्बुलक्ष्मी, चिदम्बरम सुब्रमण्यम, जयप्रकाश नारायण, अमर्त्य सेन, गोपीनाथ बोरदोलोई, रवि शंकर, लता मंगेशकर, बिस्मिल्लाह खान, भीमसेन जोशी, सी एन आर राव, सचिन तेंदुलकर ,अटल बिहारी वाजपेयी, महामना मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न दिया गया है ।

इस वर्ष जिन्हें मिला यह उच्च सम्मान उनमें

प्रणव मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति रह चुके हैं । उन्होंने 25 जुलाई 2012 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, वह इस पद पर 25 जुलाई 2017 तक रहे । 1984 में प्रणव मुखर्जी वित्तमंत्री रह चुके थे। वे 1995 से लेकर 1996 तक विदेश मंत्री रह चुके हैं ।

नानाजी देशमुख समाजसेवी और भारतीय जनसंघ के नेता थे, जनता पार्टी की सरकार में उन्हें मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था मगर उन्होंने यह कहकर मंत्रिपद ठुकरा दिया कि 60 वर्ष से अधिक की उम्र के लोग सरकार से बाहर रहकर समाजसेवा का कार्य करें ।
उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान के तहत तमाम समाजसेवा से जुड़े कार्यों को विस्तार दिया । अटल विहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें भारत सरकार ने पद्मविभूषण से सम्मानित किया था । नानाजी देशमुख ने संघ में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।

भूपेन हजारिका ऐसे बिरले कलाकारों में रहे जो कि खुद गीत लिखते थे, संगीत देते थे और उसे गाते भी थे। भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों को दीवाना बनाया। उन्होंने कई गीतों को जादुई आवाज दी ।