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जानिए कैसे बने रातों रात मुख्यमंत्री, सत्ता है तभी संभव है

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सत्ता है तभी संभव है

समर्थ का नहीं दोष गुसाईं , कहावत तो सुनी ही होगी । ऐसा ही कुछ सामने आया महाराष्ट्र में जब रातों रात राष्ट्रपति शाशन हट गया और मुख्यमंत्री बन गया ।

एक तरफ जहाँ पहले पार्टियों से सभी विधायकों के हस्ताक्षर करके समर्थन पत्र लाने को बोला गया था तो अभी रातों रात एनसीपी के लेटर (विधायको के हस्ताक्षर पत्र) को शिवसेना की जगह बदलकर भाजपा को दे दिया और सीधे गुप चुप शपथ ग्रहण हो गया ।

सत्ता है तो सब संभव है और सत्ता के लिए भी सब संभव है ये है राजनीति का मूल मंत्र ।

कुछ घण्टो में बदले समीकरण

शुक्रवार की  रात तक कोई नहीं जानता था कि महाराष्ट्र में क्या घटित होने जा रहा है । शुक्रवार शाम तक  कई दौर की बैठकों के बाद  शिवसेना काँग्रेस और एनसीपी के बीच तय हो चुका था कि महाराष्ट्र के नए सीएम उद्धव ठाकरे होंगे।

किस नेता को क्या जिम्मेदारी दी जाएगी इस पर भी फैसला हो चुका था । तीनों दल मिलकर शनिवार को सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले थे ।

खबरों के मुताबिक तय हुआ था कि शिवसेना  के प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे और दो डिप्टी सीएम कांग्रेस और एनसीपी के बनेंगे ।

रात भर चला सियासी राजनैतिक ड्रामा

लेकिन रात को कुछ ऐसा सियासी ड्रामा हुआ जो आज तक कभी नहीं हुआ । भाजपा ने  एनसीपी नेता अजित पवार को पटा लिया और सुबह उन्होंने फडनविस के साथ राजभवन पहुंचकर डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली ।

न्यूज एजेंसी ANI ने सुबह 8 बजे जब पहला ट्वीट किया कि देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन पहुंचकर सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं  तो पहले सबको ऐसा लगा कि यह गलत जानकारी दी गई है ।

लेकिन फिर एजेंसी द्वारा सारा ब्यौरा सामने आने लगा अचानक से टीवी न्यूज चैनलों में देवेंद्र फडणवीस के शपथ लेने की तस्वीरें आने लगीं ।

पर आखिर रातों रात ऐसा हुआ क्या ?

जैसे ही शाम को एनसीपी के द्वारा घोषणा हुई कि गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है तो भाजपा सक्रिय हुई और रात में ही अजित पवार और बीजेपी में डील पक्की हुई ।

देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को अपने पास ही रखा कहीं जाने नहीं दिया जिससे शिवसेना और कांग्रेस में किसी को पता नहीं लगने पाए ।

मध्य रात्रि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जी को उनकी नई दिल्ली के लिए यात्रा रद्द करनी पड़ी ।

रात में ही राज्यपाल ने सचिव को राष्ट्रपति शासन हटाने की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए । भाजपा द्वारा शपथ ग्रहण की तैयारी गुपचुप की गई ।

सुबह  देवेंद्र फडणवीस अपने साथ अजित पवार को लेकर  राजभवन पहुंच गए और सुबह 7:50 बजे शपथ ग्रहण शुरू हो गया ।

जब मीडिया में खबर आई टैब जाकर एनसीपी और काँग्रेस को इसकी जानकारी हुई । सुबह 8:16 बजे पीएम मोदी ने सीएम और डिप्टी सीएम को बधाई दी ।

क्या हुई गुपचुप डील :

अभी तक साफ साफ नहीं पता चला है कि देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार के बीच क्या डील हुई है । क्या सिर्फ डिप्टी पद के लिए अजीत पवार ने ऐसा किया या कुछ और भी है ।

हालांकि शिवसेना ने साफ साफ आरोप लगाया है कि ईडी जाँच की धमकी के बाद अजीत पवार ने ऐसा किया है ।

विपक्षी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस :

शरद पवार ने मीडिया से कहा कि न ही एनसीपी के विधायक और न ही कार्यकर्ता बीजेपी ज्वाइन करेंगे , सच्चे कार्यकर्ता कभी बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगे।

10 या 11 विधायक अजित पवार के साथ  हैं इन विधायकों के खिलाफ जो ऐक्शन लेना होगा लेंगे ।  बीजेपी को समर्थन एनसीपी ने नहीं दिया अजित पवार ने दिया है ।

शरद पवार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और 24 अक्टूबर को परिणाम आए थे।

 चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।

सरकार न बन पाने के बाद 12 नवंबर को  राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था ।

उसके बाद शिवसेना काँग्रेस और एनसीपी की सरकार बनाने के लिए बैठकों का दौर लगातार चल रहा था ।

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