सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या मामले पर 18 अक्टूबर तक ही सुनवाई होगी ।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सभी पक्षकारों से कहा आप सबको पहले निर्धारित टाइमलाइन का पालन करना होगा 18 अक्टूबर के आगे सुनवाई नहीं हो सकती ।
इस तारीख के बाद हमें फैसला देने के लिए बस 4 हफ्ते मिलेंगे, इतने समय मे फैसला लिखना एक चमत्कार जैसा ही होगा ।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं ।उससे पहले ही कोर्ट को फैसला देना है ।
कोर्ट ने कहा, ”18 अक्टूबर के बाद से एक हफ्ते के लिए दीवाली की छुट्टी है । हमें उससे पहले सुनवाई खत्म करनी ही होगी” ।
कोर्ट ने विवादित ज़मीन की पुरातत्व रिपोर्ट को अविश्वसनीय बता रही मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी अरोड़ा से पूछा था कि उन्होंने हाई कोर्ट में पुरातत्व टीम को सवाल-जवाब के लिए क्यों नहीं बुलाया था इसके बाद कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी।
मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा, ”एएसआई की टीम ने पहले से तय धारणा के आधार पर काम किया.,नीचे मिली रचना के पश्चिमी हिस्से में बड़ी दीवार थी ऐसा ईदगाह में होता है हो सकता है मस्ज़िद से पहले वहां ईदगाह रही हो ।
बेंच के सदस्य जस्टिस अशोक भूषण ने सवाल उठाते हुए कहा, ”पहले आपने कहा कि मस्ज़िद खाली जमीन पर बनी थी. अब कह रही हैं कि वहां ईदगाह थी?”
खंभों की गहराई अलग होने की दलील रखते हुए अरोड़ा ने कुछ खंभों की गहराई में 26 मीटर का अंतर बता दिया ।
इस पर टोकते हुए जस्टिस भूषण ने कहा, ”रिपोर्ट में 0.26 मीटर लिखा है.” जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ”मतलब सिर्फ 8 इंच का अंतर है 26 मीटर का नहीं ।
जस्टिस भूषण ने कहा, ”आप आधुनिक इंजीनियरिंग के सिद्धांत 1000 साल पुरानी रचना पर नहीं लगा सकते. खंभों की गहराई में 8 इंच का अंतर कोई बड़ी बात नहीं है
ध्यान रहे कि 18 अक्टूबर से पहले सुप्रीम कोर्ट में गांधी जयंती और दशहरा की भी छुट्टी होनी है बहस के लिए 10 दिन का समय ही बचा है