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नकद लेन देन पर और सख्ती

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किसी जानने वाले या रिश्तेदार के खाते में नहीं जमा कर सकेंगे नकद रकम

 देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एक बड़ा फैसला लिया है।

अब कोई भी सख्स किसी अन्य के खाते में नकदी जमा नहीं करा सकेगा ।

आयकर विभाग ने सरकारी बैंकों से अनुरोध किया था कि वे ऐसे नियम बनाएं कि कोई दूसरा शख्स किसी के बैंक खाते में नकद रुपए नहीं जमा करा पाए।

जिससे कोई भी खाता धारक अपने बैंक खाते में जमा पैसे के बारे में अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से न बच सके। 

नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर कई जानने वालों के खातों में नकदी जमा कर जालसाजी के आए कई मामलों को देखते हुए एसबीआई ने यह फैसला लिया है कि किसी के खाते में कोई दूसरा शख्स पैसे नहीं जमा करा पाएगा।

नोटबंदी के दौरान कई बैंक खातों में बड़ी संख्या में हजार और पांच सौ के नोट जमा हुए अब जांच होने पर खाता धारक कह रहे है कि किसी अनजान शख्स ने उनके बैंक खातों में पैसे जमा करा दिए हैं। उनका उससे कोई लेना-देना नहीं है। 

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नियम की शुरुआत के बाद अन्य बैंकों में भी इस प्रकार के नियम जल्द ही आ सकते हैं ।

एस बी आई के अनुसार अब किसी अन्य के खाते में नकदी जमा करने हेतु या तो खाता धारक द्वारा दिया अथॉरिटी लेटर चाहिए होगा , या फिर जमा पर्ची पर खाताधारक के हस्ताक्षर होना जरूरी होगा ।

हस्ताक्षर का मिलान सी बी एस सिस्टम से होना आवश्यक है ।

भारत सरकार का लक्ष्य है कि नकदी लेन देन पर सख्ती करके उसे कम करना चाहिए ।

खातों में नकद में अधिक लेन देन की कभी भी जांच कर सरकार कर सकती है बड़ी कार्यवाही ।

अब सभी खाते आधार और पैन कार्ड के जरिए जोड़े जा रहे हैं । आयकर विभाग की सभी बैंकों में व्यक्ति के कुल कितने खातों में कितना लेन देन है सब पर नजर है । 

गौर तलब है कि नकदी लेन देन ही काला धन का प्रथम संसाधन है ।

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