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गरीब सवर्णों को आरक्षण

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गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण की खबर के बाद विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं ।

जो लोग शुरू से ही आरक्षण विरोधी हैं वो इसे साफ तौर पर एक लॉलीपॉप मान रहे हैं जो नोटा की वजह से दी गई है ।

भाजपा के अपने कुछ सवर्ण समर्थक लोग जो कल तक आरक्षण के खिलाफ थे वे पलटी मारने लगे और मोदी जी की तारीफ और प्रचार में जुट गए ।

शोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है भारत 100 फीसद आरक्षण की ओर से लेकर , वोट के लिए देश की प्रतिभाओं के साथ नाइंसाफी जैसी पोस्ट भी आ रही हैं ।

आइए जानें आरक्षण पर क्या है ख़बर :

केंद्रीय कैबिनेट ने आर्थिक आरक्षण के बिल को सोमवार को हुई बैठक में मंजूरी दे दी ।

इसके बाद मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया ।

कांग्रेस, सपा और बसपा सहित कई विपक्षी दलों ने इस बिल का समर्थन किया है ।

संसद का शीतकालीन सत्र आठ जनवरी को खत्म हो रहा था, लेकिन माना जा रहा है कि इस बिल के लिए राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ा दी गई ।

सरकार ने ये क़दम बीजेपी से नाराज़ चल रहे सवर्णों के एक बड़े धड़े को लुभाने के लिए उठाया है ।

तीन राज्यों में ओबीसी और एससी-एसटी एक्ट पर उठाए गए कदमों से भाजपा को सवर्णों की नाराजगी का अंदाजा नहीं था ।

भाजपा को तीन राज्यों के नतीजों के बाद लगा कि सवर्णों को साथ लेकर चलना जरूरी है अतः अब ये 10% के आरक्षण की घोषणा सवर्णों को रिझाने के लिए है 2019 लोकसभा चुनाव निकट है ।