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Home वोट के लिए सेना के जवानों और अभियानों का इस्तेमाल न हो : चुनाव आयोग

वोट के लिए सेना के जवानों और अभियानों का इस्तेमाल न हो : चुनाव आयोग

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पुलवामा हमले के बाद से कई राजनीतिक दलों के मंच पर शहीद जवानों के फोटो लगाए गए पार्टी बैनरों आदि पर भी इस्तेमाल हुए ।

एयर स्ट्राइक की खबरों को भी पार्टी और नेताओं के नाम से जोड़कर चुनावी फायदा लेने की कोशिश की गई है ।

सेना के कार्य का सारा श्रेय नेता लोग अपने वोट में कनवर्ट करने के लिए सेना के फोटो व शोशल मीडिया पोस्ट करने से नहीं चूक रहे ।

हाल ही में वायु सेना के पायलट अभिनंदन की फोटो का इस्तेमाल भी चुनावी पोस्टरों और सोशल मीडिया कैंपेन में हो रहा है ।

इस सब को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को यह सलाह दी है कि सेना और सैन्य अभियानों की तस्वीरें चुनावी अभियान में इस्तेमाल न की जाएं ।

चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों से अपने पार्टी प्रतिनिधियों और उम्मीदवारों से इसका सख्ती से पालन करने के लिए कहा है ।

आयोग को शिकायत मिली कि एक राजनीतिक दल के पोस्टर में वायु सेना विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर  का गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है ।

कथित इस्तेमाल पर संज्ञान लेते हुए आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को ऐसा करने से बचने का परामर्श दिया है।

चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि वे अपने चुनाव अभियान में सैनिकों और सैन्य अभियानों की तस्वीरों का इस्तेमाल करने से बचें ।

हाल ही में एक जीप के आगे अभिनंदन का फोटो लगाकर पार्टी के झंडों और बैनरों से पटी जीप की फोटो भी शोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई है ।

पुलवामा हमले के बाद से कई राजनीतिक दलों के मंच पर शहीद जवानों के फोटो लगाए गए थे । इसके बाद वायु सेना के पायलट अभिनंदन की फोटो का इस्तेमाल भी चुनावी पोस्टरों और सोशल मीडिया कैंपेन में हो रहा है।

आयोग ने पहले दिसंबर 2013 में रक्षा मंत्रालय की शिकायत पर यह परामर्श जारी किया था।

रक्षा मंत्रालय ने विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों द्वारा चुनाव अभियान में सैन्यकर्मियों की तस्वीर का इस्तेमाल करने पर चुनाव आयोग का ध्यान आकर्षित करते हुए इसे रोकने के लिए उपयुक्त निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था ।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़क पर अब भी राजनीतिक पोस्टर लगा है जिसमें वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान का भी फोटो लगाया हुआ है ।

आयोग ने अपने परामर्श में कहा कि सुरक्षा बल देश की सीमाओं और राजनीतिक तंत्र की सुरक्षा के तटस्थ पहरेदार हैं । राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को अपने चुनावी अभियान में सैन्य बलों के संदर्भ का किसी भी रूप में सहारा लेते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है ।

राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों को चुनाव अभियान में सैन्य बलों के जवानों और सैन्य अभियानों की तस्वीर आदि का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए ।