कुछ समय के लिए बैंकों का निजीकरण नहीं होने की खबर
कुछ प्रमुख समाचार पत्र और अन्य माध्यमों से आ रही खबर के अनुसार कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए आर्थिक हालात की वजह से चालू वित्त वर्ष में कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की उम्मीद नहीं है।
खबरों में अभी निजीकरण न होने की वजह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के घटे मूल्यांकन और स्ट्रेस्ड एसेट्स में बढ़ोतरी को बताया गया है।
खबर में चार बैंकों इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), यूको बैंक (UCO Bank) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) पर पीसीए (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन PCA) का हवाला देकर कहा गया है कि मौजूदा हालात में प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर से उन्हें कोई खरीदार मिलना मुश्किल होगा।
ऐसे में सरकार की ओर से फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण नहीं करने का फैसला लिया जा सकता है।
लेकिन यहाँ सोचनीय विषय यह है कि दिए गए बैंक में से यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) का विलय पहले ही हो चुका है जबकि इन्हीं समाचार पत्रों की पिछली खबर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) को लेकर निजीकरण की कोई खब़र नहीं थी।
एक अन्य बैंक बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र (BOM) जो कि पिछली खबरों में शामिल था उसका कोई जिक्र नहीं किया गया है जो एक संशय पैदा करता है।
हालाँकि श्री रघुराम राजन, श्री मनमोहनसिह से लेकर कई अन्य आर्थिक विषयों के विशेषज्ञों का पहले से ही मानना है कि सरकार का बैंकों के निजीकरण के बारे में सोचना फिलहाल बहुत ही गलत कदम है।
Bank DA from May 2020 to July 2020