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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

International Women’s Day in hindi

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। आज नारी न सिर्फ ट्रेन और हवाई जहाज को सफलता पूर्वक चला रही है बल्कि अंतिरक्ष में भी नये कीर्तिमान बना रही है।

International women’s day (IWD) महिलाओ का दिन है । महिलाओ के योगदान के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता । महिलाएं अपने अदभुत साहस, परिश्रम तथा बुद्धिमत्ता के आधार पर विश्वपटल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहीं हैं।

आपको जान कर आश्चर्य हो कि पहले अधिकतर देशों में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था। उन्हें ये अधिकार दिलाने के उद्देश्य से 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में महिला दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया।

सबसे पहला महिला दिवस, न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य:

विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए इस दिवस को बड़े जोर-शोर से मनाया जाता हैं। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं।

विश्व में महिलाओं को सम्मान देने सामाजिक से लेकर राजनितिक जीवन में महिलाओ द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियों को मनाने और लिंग समानता (gender equality) पर बल देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।  इस दिन उनके द्वारा किये गए कामो की सराहना की जाती है।

किसी भी देश की प्रगति के लिए उस देश की आर्थिक, राजनितिक और सामाजिक क्षेत्रो में महिलाओ की भूमिका जरूरी है अत: इसके लिए जरुरत है लिंग असमानता  खत्म करने की। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन इन असमानताओ को दूर करने के लिए व अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं का सम्मान देने और उनकी उपलब्धियों का उत्सव मनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है

देश दुनियाँ और समाज को अहसास दिलाने महिलाये एक साथ एकत्रित होती है, कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं कई देशो में रैलीया निकलती है।

भाषण और सेमिनार आयोजित किये जाते है।  जिन महिलाओं ने उपलब्धियाँ हासिल की उन महिलाओ को विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास History of International Women’s Day

1908 में महिलाओ ने न्यूयॉर्क सिटी में वोटिंग अधिकारों की मांग के लिए मार्च निकाला एक साल बाद अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर यह दिवस सबसे पहले 28 फ़रवरी 1909 को मनाया गया।

इसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में 17 देशो की 100 से ज्यादा महिलाओ के सुझाव पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना हुई और इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया।

उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था,क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।

1913 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को 8 मार्च कर दिया गया और तब से इसे हर साल इसी दिन मनाया जाता है।

इस दिवस की महत्ता तब और भी बढ़ गयी जब 1917 में फरवरी के आखिरी रविवार को रूस में महिलाओं ने खाना और शांति (ब्रेड एंड पीस) bead and peace के लिए एक आन्दोलन छेड़ दिया जो जो धीरे-धीरे बढ़ता गया यह विरोध इतना संगठित था कि सम्राट निकोस को अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पडा और इसके बाद यहां महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी मिला तब  से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा। तभी से International Women’s Day (IWD) या अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत साल 1908 में न्यूयॉर्क से हुई थी, उस समय वहाँ मौजूद महिलाओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर अपनी जॉब में समय को कम करने की मांग को लेकर मार्च निकाला था। इसी के साथ उन महिलाओं ने अपने वेतन बढ़ाने और वोट डालने के अधिकार की भी मांग की थी। इसके एक वर्ष पश्चात अमेरिका में इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया गया।

इसके बाद साल 1910 में क्लारा जेटकिन ने कामकाजी महिलाओं के एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इस दिन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का सुझाव दिया। इस सम्मेलन में 17 देशो कि करीब 100 कामकाजी महिलाएं उपस्थित थी, इन सभी महिलाओं ने क्लेरा जेटकिन के सुझाव का समर्थन किया।

इस सब के बावजूद इसे आधिकारिक मान्यता कई वर्षों बाद 1975 में मिली जब संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे एक थीम के साथ मनाने का निर्णय लिया गया था।

महिला दिवस का उद्देश्य:

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने के उद्देश्य समय के साथ और महिलाओं की समाज में स्थिति बदलने के साथ परिवर्तित होते आ रहे है। शुरुआत में जब 19 सवी शताब्दी में इसकी शुरुआत की गई थी, तब महिलाओं ने मतदान का अधिकार प्राप्त किया था, परंतु अब समय परिवर्तन के साथ इसके उद्देश्य कुछ इस प्रकार है:

महिला दिवस मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य महिला और पुरुषो में समानता बनाए रखना है। आज भी दुनिया में कई हिस्से ऐसे है, जहां महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त नहीं है। रोजगार तरक्की व अन्य कई क्षेत्र में महिलाए आज भी पिछड़ी हुई है। महिलाओं को उच्च शिक्षा से दूर रहना पड़ता है ।

कई देशों में अब भी महिलाएं शिक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से पिछड़ी हुई है। इसके अलावा महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले भी अब भी देखे जा सकते है।

राजनीति में भी महिलाओं की संख्या पुरुषो से कम है और महिलाओं का आर्थिक स्तर भी पुरुषों से कम है। महिला दिवस मनाने का एक उद्देश्य महिलाओं को इस दिशा में जागरूक कर उन्हे भविष्य में प्रगति के लिए तैयार करना भी है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2020 International Women’s Day 2020

पूरे विश्व में एक साथ 8 मार्च 2020 को अपने-अपने तरीके से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2020 मनाया जायेगा ।

कई देशों में इस दिन अवकाश घोषित किया गया है और कुछ देशों में पूरे दिन का अवकाश ना देकर हाफ डे दिया जाता है। भारत में इस दिन कई संस्थानों द्वारा नारी को सम्मान देकर प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम किए जाते है।

इंटरनेशनल वूमेन डे प्रति वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता हैं। लेकिन आज भी महिलाओ की हालत दयनीय हैं । समाज के नियमो ने समाज में कन्या के स्थान को कमजोर किया हैं जिन्हें अब बदलने की जरुरत हैं । और इसके लिए उन्हें शिक्षा का अधिकार मिलना जरुरी हैं जिससे उनकी स्थिति में सुधार आएगा।

 भारत में नारी शक्ति :

आज नारी अपने साहस के बल पर पूरे आत्मविश्वास के साथ हर क्षेत्र में कामयाबी का परचम लहरा रही है। महिलाएं सशक्तिकरण की राह पर हैं और हर क्षेत्र में अपनी मजबूत दावेदारी दिखा रही हैं।

भारत जैसे शक्तिशाली देश की कमान राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल, प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी, राज्यपाल सरोजिनी नायडू, लोकसभा अध्यक्षा मीरा कुमार,  एवं अनेक राज्यों की महिला मुख्यमंत्री सफलता पूर्वक संभाल चुकी हैं।

साहित्य जगत में भी महिलाओं का अभूतपूर्व योगदान रहा है। हिंदी साहित्य में महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान जैसी अनेक महिलाओं ने उत्कृष्ट योगदान दिया है।

पी॰ टी॰ उषा भारतीय खेलकूद में सबसे अच्छे खिलाड़ियों में से हैं। उन्हें पद्म श्री व अर्जुन पुरस्कार दिया गया। भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम पांच बार ‍विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। वर्ष 2003 में उन्हे अर्जुन पुरस्कार एवं 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

बछेन्द्री पाल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। सायना नेहवाल, सानिया मिर्जा जैसी कई अन्य महिलाएं खेल जगत की गौरवपूर्ण पहचान हैं।

भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और कल्पना चावला अंतरिक्ष पटल की खास पहचान हैं। प्रथम महिला रेलगाङी ड्राइवर सुरेखा यादव भारत की ही नही बल्कि एशिया की पहली महिला ड्राइवर हैं।

टेसी थॉमस पहली भारतीय महिला हैं जो देश की मिसाइल प्रोजेक्ट को संभाल रही हैं। टेसी थॉमस ने देश की मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया है । डॉ. टेसी थॉमस को कुछ लोग ‘मिसाइल वूमन’ भी कहते हैं।

रानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास के पन्नो में दर्ज है उन्होंने अंग्रेजो से जमकर लोहा लिया ।

 

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