राष्ट्रीय किसान दिवस (चौधरी चरण सिंह जयंती)
National Farmer’s Day in Hindi
भारत 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप मनाता है ताकि हमारे देश के किसानों द्वारा किए गए महान कार्य को सम्मान दिया जा सके।
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं, किसान भारत की रीढ़ की हड्डी हैं। किसान जब खेत में मेहनत करके अनाज पैदा करते हैं तभी वह हमारी थालियों तक पहुंच पाता है।
भारत एक कृषि भूमि
भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा खेती-किसानी का काम करता है। देश के किसानों का सम्मान करना बेहद जरूरी है। भारतीय आबादी का 70% हिस्सा खेती के जरिए उत्पन्न आय पर निर्भर है।
किसान हर देश की प्रगति में विशेष भागीदार होते हैं। एक किसान ही है जिसके बल पर देश अपने खाद्यान्नों से समृद्ध हो सकता है। भारत में मुख्य रूप से गांवों में रहने वाली अधिकांश आबादी किसानों की है और कृषि ही उनकी आय का स्रोत है।
भारत देश मे जवान के बाद किसान को बड़ा दर्जा दिया गया है देश का एक नारा है ” जय जवान, जय किसान “ । इसी बात को ध्यान में रखते हुए 23 दिसंबर को किसान दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
23 दिसम्बर को ही क्यों मानते हैं किसान दिवस
KISAN DIWAS KYO MANATE HAIN ?
किसान दिवस भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती 23 दिसंबर को मनाया जाता है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसानों के हितैषी थे और उनके सम्मान में ही उनके जन्मदिन को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हें ही किसानों के मसीहा के तौर पर भी जाना जाता है।
राष्ट्रीय किसान दिवस एक स्वतंत्र और मजबूत भारतीय किसान का सम्मान है। पूरा राष्ट्र महान उत्साह के साथ इस दिन को मनाता है।
चौधरी चरण सिंह किसानों के सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने भूमि सुधारों पर काफ़ी काम किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में और केन्द्र में वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने गांवों और किसानों को प्राथमिकता में रखकर बजट बनाया था।
उनका मानना था कि किसान ही खेती के केन्द्र में है , इसलिए उसके साथ कृतज्ञता से पेश आना चाहिए और उसके श्रम का प्रतिफल अवश्य मिलना चाहिए।
पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह ने प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय किसानों के जीवन में सुधार के लिए कई नीतियां शुरू कीं।
चौधरी चरण सिंह किसान परिवार के थे किसानों के प्रति उनका प्रेम इसलिए भी था। वह किसानों की समस्याओं को अच्छी तरह से समझते थे।
देश में राष्ट्रपिता गांधी जी ने भी किसानों को ही देश का सरताज माना था। भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले किसानों को ही किसान दिवस समर्पित है।
पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को किसानों के अभूतपूर्व विकास के लिए याद किया जाता है। चौधरी चरण सिंह की नीति किसानों व ग़रीबों को ऊपर उठाने की थी।
चौधरी चरण सिंह ने किसानों की खुशहाली के लिए खेती पर बल दिया था। किसानों को उपज का उचित दाम मिल सके इसके लिए भी वह गंभीर थे। उनका कहना था कि भारत का संपूर्ण विकास तभी होगा जब किसान, मज़दूर, ग़रीब सभी खुशहाल होंगे।
उन्होंने खेती और गाँव को महत्व दिया। वह ग्रामीण समस्याओं को गहराई से समझते थे और अपने मुख्यमंत्रित्व तथा केन्द्र सरकार के वित्तमंत्री के कार्यकाल में उन्होंने बजट का बड़ा भाग किसानों तथा गांवों के पक्ष में रखा था।
चौधरी चरण सिंह की मेहनत के कारण ही ‘‘जमींदारी उन्मूलन विधेयक” साल 1952 में पारित हो सका। दृढ़ इच्छा शक्ति के धनी चौधरी चरण सिंह ने प्रदेश के 27000 पटवारियों के त्यागपत्र को स्वीकार कर ‘लेखपाल‘ पद का सृजन कर नई भर्ती करके किसानों को पटवारी आतंक से मुक्ति दिलाई ।
उत्तर प्रदेश के किसान चरण सिंह को अपना मसीहा मानने लगे थे। उन्होंने समस्त उत्तर प्रदेश में भ्रमण करते हुए कृषकों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया।
राष्ट्रीय किसान दिवस KISAN DIWAS कैसे मानते हैं
राष्ट्रीय किसान दिवस पूरे राष्ट्र में बड़े उत्साह और रुचि के साथ मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के लिए कृषि के ऊपर कई कार्यक्रम, समारोह, सेमिनार और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर तमाम दलों द्वारा किसानों के मसीहा माने जाने वाले चौधरी चरण सिंह को उनके जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि प्रदान की जाती है ।
राष्ट्रीय किसान दिवस पर सभी बड़े नेता बधाई देते हुए ट्वीट और पोस्ट करते हैं और किसानों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं, कई जगहों पर किसान जागरुकता रैली निकाली जाती हैं लोगों को देश के विकास में किसानों के भागीदारी तथा मेहनत के विषय में बताया जाता है।
भारत में कृषि हालत अभी भी बहुत ख़राब है। हर साल किसानों को प्राकृतिक संकट जैसे कि सूखा, बाढ़,आदि से जूझना पड़ता है। उनके उत्पादन के लिए उचित मूल्य प्राप्त नही हो पाता ।
हालांकि सस्ती दरों पर ऋण सुविधा और ऋण में छूट सरकार द्वारा दी जाती रहती हैं । सरकार समय समय पर खेती के लिए नई तकनीक का उपयोग करने की सुविधा आदि के लिए विभिन्न योजनाएं बनाती रहतीं हैं । समय-समय पर केंद्र सरकार किसानों को दिए गए ऋणों को माफ़ कर देती है।