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Home विजय माल्या प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन की मुहर

विजय माल्या प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन की मुहर

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भारतीय बैंकों से लोन लेकर भागे कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को ब्रिटेन सरकार ने मंजूरी दे दी  है । ब्रिटेन के गृह मंत्री ने शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित किये जाने का आदेश दिया है ।

विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसियां लंबे समय से प्रयास कर रही थीं , पहले दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी ।

माल्या के पास इस प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिनों की मोहलत है। 

ब्रिटेन सरकार के इस फैसले का भारत सरकार ने स्वागत किया है। विजय माल्या अभी लंदन में रह रहा  है वो मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था।

बैंकों का लोन लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को PMLA कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था । विजय माल्या देश का पहला आर्थिक भगोड़ा बन गया है ।

किंगफिशर एयरलाइंस के सीईओ विजय माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपयों से भी ज्यादा के घोटाले और मनी लांड्रिंग का केस चल रहा है ।

मनी लांड्रिंग मतलब बैंकों से किसी कार्य के लिए लोन लेकर लोन की रकम दूसरे कामों में खर्च करना जो एक अपराध है ।

9,000 करोड़ रूपयों का लोन लेकर चुकता न करने के मामले में भी केस दर्ज है ।

दिसंबर 2018 में माल्या ने आग्रह किया था कि उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिये शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाई जाए लेकिन कोर्ट इस अर्जी को खारिज कर दिया था ।

ईडी के अनुसार  माल्या का शुरुआत से ही ऋण चुकाने का कोई इरादा नहीं था जबकि उसके पास पर्याप्त संपत्ति थी जो ऋण चुकाने के लिए पर्याप्त थी ।

साल 2004 में किंगफिशर को एयरलाइंस शुरू करने के लिए लोन लिया ।  फिर 2008 में दुबारा लोन लिया । दोनों बार के लोन मिलाकर लगभग 8000 करोड़ का लोन ले लिया ।

साल 2009 में कंपनी को एनपीए घोषित कर दिया। इसके बाद भी खातों को रिस्ट्रक्चर करने की कोशिश हुई जो नाकाफी साबित हुई ।

अब लगभग 9000 करोड़ के बकाया के साथ विजय माल्या देश से फरार है और उसके प्रत्यार्पण के प्रयास चल रहे हैं ।