6 सितंबर भारत बंद
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने SCST Act के दुरुपयोग को देखते हुए , एक न्याय की बात रखी कि SCST Act तो ठीक है परंतु उसके तहत निर्दोष लोगों को प्रताड़ना न झेलनी पड़ी अतः पहले जाँच की कार्यवाही करके दोषी को जेल भेज दिया जाए , जिसके विरोध में SCST के संगठनों ने भारत बंद का आव्हान किया ।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध जाकर भाजपा की मोदी सरकार ने वोट बैंक को देखते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाकर कानून पास किया जो और भी अधिक कड़ा कर दिया गया । जिसकी वजह से तुरंत ही इसके दुरुपयोग के कुछ मामले मीडिया में आ गए ।
सामान्य वर्ग, ओबीसी वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग आदि ने इस कानून को काला कानून करार दिया जिसके कारण किसी भी निर्दोष को आसानी से महीनों के लिए उसकी बेगुनाही साबित करने तक जेल में रहना पड़े , इसी कानून के विरोध में विभिन्न संगठनों ने 6 सितंबर 2018 को शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद का आव्हान किया ।
भारत बंद में शहरों के अलावा छोटे कस्बा भी शामिल हुए , कुछ एक जगह पर लोगों में आपसी झड़प भी देखने को मिलीं ।
कुल मिलाकर भारत के उत्तरी राज्यों में भारत बंद पूर्ण रूप से सफल दिखाई दिया । भाजपा के मंत्री , प्रतिनिधि , व अन्य नेता सरकार के इस कानून पर असहज महसूस कर रहे हैं ।
हालांकि लोगों के बीच मोदी के खुद को पिछड़ा बोलने की चर्चा जोर पकड़ रही है , अब लोग कहने लगे हैं कि मोदी ने पिछड़ा होने की वजह से जानबूझ कर SC ST Act में सामान्य वर्ग की अनदेखी कर पक्षपात का कार्य किया है ।
इस मुद्दे पर कोई भी विपक्षी दल खुलकर सामान्य वर्ग के साथ आने के मूड में नहीं दिखाई दिया क्योंकि उनको भी पिछड़ा वोट बैंक खिसकने का खतरा दिखाई दे रहा है । हालाँकि काँग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टी घुमा फिराकर मोदी सरकार को इस मुद्दे पर घेरने में जुटी रहीं ।
बात उठी है तो दूर तक जाएगी , बात आर्थिक आधार पर आरक्षण तक आएगी ।
लगभग सभी व्यापारी संगठनों ने बन्द का खुला समर्थन करते हुए बाजार बन्द रखे ।
बन्द का आव्हान करने वाले संगठनों ने बंद को पूर्ण सफल घोषित करते हुए , भविष्य में काले कानून के विरुद्ध लड़ाई लड़ते रहने का फैसला किया है ।