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Home राजनीति में रहें संभलकर पड़ सकती है भारी

राजनीति में रहें संभलकर पड़ सकती है भारी

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दोस्तों चुनाव का समय है हम सभी अपने अपने प्रत्याशी और पार्टी का समर्थन करने में जुटे हैं , हममें से कुछ प्रत्याशियों को पर्सनल तो क्या उनको बिल्कुल भी नहीं जानते ।

प्रत्याशी को न जानने के बाबजूद हम अपनी पार्टी के समर्थन की वजह से उसके लिए प्रचार में जुटे हुए हैं ।

हालात तब बदतर हो जाते हैं जब पार्टी प्रचार में हम दोस्ती यारी भी भूल जाते हैं । साथ ही साथ अपने गलत फैसलों से दोस्त भी खोते हैं और कभी कभी उससे भी बदतर ।

हाल ही में खबर आई थी कि एक पार्टी रैली में दूसरी पार्टी की समर्थक उसका चुनाव स्लोगन लेकर पहुँच गई । तो दोस्तों समझिए कि ये एक तरह से रैली विरोध हुआ तो मार पड़ना अब लाजिमी ही है ।

ऐसा ही एक और केस में हुआ जब सत्त्ता धारी राजनेता के सामने विपक्षी ध्वज लेकर पहुँचे इसे ही कहते हैं आ बैल मुझे मार , पिटना तो है ही फिर ।

यही हालत शोशल मीडिया के हैं एक होता है समर्थक जो कई बार सच को सच मानता है और एक होता है अंध समर्थक जो सिर्फ नेता की मानता है जो उसकी पार्टी बोली सिर्फ वो ठीक ।

ऐसे में इसके मित्र आदि इसके लिए मायने नहीं रखते इसको सिर्फ चुनाव पार्टी नेता ही दिखते हैं इसके लिए इस समय दोस्त यार कुछ भी नहीं तो ऐसे लोगों से बचें ।

आपने शोशल मीडिया में कुछ पोस्ट देखी होंगी जैसे आज के बाद से चुनाव तक हम समर्थन में कुछ भी पोस्ट करेंगे आप सहमत न हों तो दोस्ती चुनाव तक तोड़ सकते हैं ।

ऐसी मानसिकता वाले लोगों के लिए दोस्त नहीं नेता नगरी अधिक मायने रखती है , समय आने पर ये दगा देने से भी नहीं चूकेंगे ।

जो व्यक्ति एक पार्टी या नेता के लिए मित्रों से भी दूरी बनाने को तैयार हो या भले न हो पर ऐसा लिख और बोल सकता हो वो हकीकत में नेताओं और पार्टी का भी सगा नहीं ।

फिर वो ऐसा क्यों लिख रहा है तो समझिए दरअसल वह साथ के पार्टी समर्थकों और नेताओं को अपना पार्टी के प्रति झुकाव का दिखावा करना चाहता है जिससे उसे पार्टी में आगे स्थान मिले ।

इसे नेता और पार्टी की चापलूसी भी कह सकते हैं ।

तो दोस्तों ध्यान रखिए आप ऐसे लोगों से वाकई थोड़ा दूरी बनाकर ही रखें तो बेहतर होगा ।

आपको ये भी ध्यान देना होगा कि किसी पार्टी की प्रचार सभा या रैली में आप दूसरी पार्टी के नारे लगाने या उसके प्रचार संबंधी कार्य करने न पहुँचे नहीं तो मार भी पड़ सकती है ।

सावधान रहें चुनाव में साइलेंट वोटर चीखने वाले वोटर से अधिक कार्य करता है क्योंकि वो जो सोच चुका वही बटन दबाएगा ऐसे में आप विरोध कर क्या कर लेंगे ?

शोशल मीडिया पर आपत्ति जनक पोस्ट और कमेंट व बहस से बचने की कोशिश करें ।

आइए आपको बताते हैं कि हमसे बेहतर हमारे राजनेता क्यों हैं ?

हमसे ज्यादा शिष्टाचार हमारे नेताओं में है मोदी राहुल मुलायम सोनिया माया या अन्य कोई भी माइक पर जनता से कुछ भी मुखातिब हो लेकिन यदि आप ध्यान देंगे तो वे आपस मे प्यार से मिलते नजर आएंगे ।

मुलायम के बेटे की शादी में मोदी जी । या फिर भाजपा के कार्यक्रम में मुलायम मोदी की गुप् चुप बात , हंसी ठहाके देखकर भी आप नहीं समझ सकते ।

सभी बड़े नेता आपस मे एक दूसरे की सहायता और सम्मान जरूर करते हैं फिर हम लोग क्यों पार्टियों के लिए आपस के रिश्ते खराब करते हैं ?

हमारी सोच और पसंद या विचारधारा हमारे दोस्त से अलग है वो किसी और का समर्थक है इसका मतलब यह कतई नहीं कि हम अपने दोस्त की सोच को ही चुनोती देने लगें वो भी राजनीति के लिए ।

दोस्तों चुनावी दौर है संभल कर शोशल मीडिया, चुनावी सभा और रैलियों आदि में अपने वक्तव्य दें । ध्यान रखें हर व्यक्ति की सोच अलग है और आप उसे नहीं बदल सकते ।

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