अगर आप कहीं विदेश घूमने निकले हैं और आपने अपना सारा प्लान 3 से चार माह पहले ही बना लिया था ।
क्योंकि कुछ माह पहले ही फ्लाइट के टिकट बुक करने से वे लगभग 40 से 50 प्रतिशत रियायत में मिलते हैं ये बचत जो कि इकोनॉमी क्लास के लिए बहुत मायने रखती है ।
आप ये भी जानते हैं कि तुरंत फ्लाइट टिकेट लेने पर वही टिकेट दुगने या तीन गुने का पड़ेगा ।
अब ऐसे में आप एक तरफ से तो निकल कर विदेश की धरती पर पहुंच गए मगर वापसी से पहले आपकी फ्लाइट कैंसिल हो जाए तो ??
तो फिर जो टिकेट आप 25 से 30 हजार में बुक करा के गए उसके लिए आपकी नई बुकिंग आपसे लगभग 1 लाख तक भी खर्च करा सकती है ।
ऐसा ही कुछ हाल हुआ है जेट एयरवेज के पैसेंजर के साथ , पहले से बुकिंग हुई फ्लाइट कैंसिल हो गईं जिनका पैसा भी बाद में वापस आएगा ।
पर मुसीबत पैसा वापस आना नहीं बल्कि नई बुकिंग कराना है उसी दिन जाने के लिए आपको तीन गुने अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे । यदि परिवार के साथ हैं तो सोचिए कि कितनी रकम फालतू चली गई ?
जेट एयरवेज ने आपातकालीन मदद नहीं मिलने के बाद अपने सभी ऑपरेशंस पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी ।
जेट एयरवेज को ऋणदाताओं द्वारा जेट के अतिरिक्त धन के अनुरोध को अस्वीकार करने और ऋणदाताओं ने जेट को 400 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड देने से इनकार कर देने से यह हालत पैदा हो गए ।
कंपनी डूबने फ्लाइट कैंसिल होने आदि के लिए कोई नियम कानून आदि कुछ भी नहीं अब एक सामान्य वर्ग का इंसान यदि कहीं फंस गया तो अपनी लगभग 1 साल की कमाई सिर्फ टिकेट के लिए गंवा देगा ।
फ्लाइट टिकेट इतने महंगे होने के बाबजूद 25 साल पुरानी इस एयरलाइन कंपनी पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है । समझ नहीं आता ऐसा क्यों है ?
जबकि एक एक दिन में कई कई फ्लाइट आती जाती हैं । यही हालत अन्य कंपनी एयर इंडिया की बताई जा रही है । ऐसा क्यों है नहीं पता ।
कंपनी बंद होने से लगभग 20 हजार लोगों की नौकरी चली जाएगी , जबकि कर्मचारियों को पिछले माह का वेतन भी नहीं मिला है ।
जेट एयरवेज के सीईओ ने बताया कि हमने अंतरिम फ़ंडिंग के लिए बार-बार अपील की लेकिन कुछ नहीं हुआ ।
फिलहाल तो हर आमजन को एक ही बात कहना चाहेंगे कि यदि कहीं भी घूमने जाने का प्लान है तो आपके पास बजट से अधिक पैसा रिजर्व के लिए भी होना चाहिए जो ऐसे आपातकाल में काम आ सके ।
महीनों पहले की गई सस्ती टिकेट आपको बहुत महँगी भी पड़ सकती है ।