एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बच गया ।
चीन ने भारत की कोशिश को झटका देते हुए प्रस्ताव में रोड़े अटका दिए । समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक’ लगा दी ।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमेटी में अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका लाए थे ।
कमेटी के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 कार्य दिन थे । यह अवधि बुधवार को खत्म होनी थी ।
समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर रोक लगा दी ।
14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था ।
इस हमले में जिसमें 44 जवान शहीद हो गए थे ।
इस हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो गया था ।
घटनाक्रम पर विदेश मंत्रालय द्वारा निराशा जाहिर की गई ।
यह तकनीकी रोक छह महीनों के लिए वैध है और इसे आगे तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है ।
मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी राजनयिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे दूसरे सदस्यों को अन्य एक्शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है ।
अगर बीजिंग आतंकवाद से लड़ने के लिए गंभीर है तो उसे पाकिस्तान और अन्य देशों के आतंकियों का बचाव नहीं करना चाहिए ।
यह चौथी बार है कि चीन ने ऐसा किया है, चीन को आतंक का समर्थन नहीं करना चाहिए ।