Skip to content
Home  क्यों इतिहास में पेट्रोल से महंगा हुआ डीजल

 क्यों इतिहास में पेट्रोल से महंगा हुआ डीजल

  • by

डीजल की कीमत पेट्रोल से अधिक हुई 

बुधवार 24 जून 2020 को लगातार 18वें दिन डीजल की कीमत में इज़ाफा हुआ, इसके साथ ही देश में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा हो गई।

पिछले 18 दिनों में पेट्रोल के दाम में जहां 8.50 रुपये की बढ़ोतरी हुई वहीं डीजल की कीमत में 10.49 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ।

बता दें कि बुधवार को देश में पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है लेकिन डीजल के दामों में 48 पैसों की वृद्धि की गई है जिसके बाद पेट्रोल की कीमतें 79.76 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमतें 79.88 रुपए प्रति लीटर हो गई हैं।

ऐसा देश के इतिहास में पहली बार है, जब डीजल की कीमत पेट्रोल से महंगी है ।

बुधवार को लगातार 18वें दिन डीजल की कीमत में बढ़ोतरी हुई। हालांकि आज पेट्रोल की कीमत में इज़ाफा नहीं हुआ लेकिन डीजल के दाम में 48 पैसों की बढ़ोतरी हुई जिससे देश में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा हो गई।

क्यों लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं :

मई के पहले हफ्ते में भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर भारी एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। पेट्रोल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क 10 रुपये बढ़ाया गया। जबकि डीजल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क 13 रुपये बढ़ाया गया।

डीजल के उत्पाद शुल्क में अधिक बढ़ोत्तरी की वजह से डीजल महंगा होने लगा ।

और मई महीने में ही दिल्ली सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ा दिया जिससे पेट्रोल की कीमत में 1.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7.10 रुपये प्रति लीटर की दर से बढ़ोत्तरी हुई । जिसकी वजह से दिल्ली में डीजल पेट्रोल से महंगा हो गया ।

देश में कोरोना के प्रकोप के चलते लॉकडाउन लागू हुआ और इस कारण सरकार का खजाना खाली हो गया , सरकार ने पेट्रोल-डीजल से अधिक राजस्व प्राप्त करने ड्यूटी बढ़ा दी इस कारण सरकार को लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने पड़े।

कोरोना काल में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट आई तो सरकार ने इसे राजस्व बढ़ाकर भुना लिया ।
पिछले पांच सालों में सरकार ने पेट्रो​लियम पदार्थों पर एक्साइज ड्यूटी से 2.23 लाख करोड़ रुपये का राजस्व कमाया है।

पेट्रोल और डीजल की लागत एक समान होती है, डीजल पहले इसलिए सस्ता था, क्योंकि इस पर सरकार सब्सिडी देती थी। डीजल पर सब्सिडी देने के पीछे सरकार की कल्याणकारी सोच थी क्योंकि डीजल का प्रयोग खेती, बिजली और ट्रांसपोर्ट जैसे ज़रूरी सेक्टर में होता है।

अब डीजल की कीमत बढ़ने से पब्लिक ट्रांसपोर्ट महंगा होगा जिससे महंगाई भी बढ़ेगी और खेती की लागत भी ।