काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा जी रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ने आज पूछताछ की । रॉबर्ट वाड्रा को उनकी पत्नी और कांग्रेस नेता राजीव गाँधी जी की बेटी प्रियंका गांधी ईडी दफ्तर छोड़ने गईं थीं ।
प्रियंका ने रॉबर्ट वाड्रा को ED के दफ्तर के सामने करीब पौने चार बजे छोड़ा और वहां से फौरन अपनी गाड़ियों के काफिले के साथ निकल गईं ।
रॉबर्ट वाड्रा संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के आपराधिक आरोपों के मामले में जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं ।मनीलांड्रिंग केस में ED ने पांच घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की। कल सुबह फिर से पूछताछ की जाएगी ।
मामला लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित एक संपत्ति की खरीद में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से संबंधित है जिसे 19 लाख पाउंड में खरीदा गया था जिसके मालिक वाड्रा हैं ।
इसी विदेशी संपत्ति के मामले में उनके बयान मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत ED के समक्ष हुए।
सूत्रों के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा ने ED के समक्ष लंदन में किसी भी तरह की संपत्ति होने से साफ इनकार किया है और कहा है कि संजय भंडारी के साथ उनका कोई लेना-देना नहीं है ।
कुछ समय पहले मीडिया से वाड्रा ने आरोपों से इनकार किया था और कहा कि राजनीतिक बदले के लिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है ।
इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की अदालत की दरवाजा खटखटाया था, कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा की अंतरिम जमानत याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें 16 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दी थी ।
रॉबर्ट वाड्रा पर लग चुके हैं ये भी आरोप :
आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने 2012 में आरोप लगाए कि रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली और आसपास में कई ज़मीन-खरीदी और उसके लिए धन डीएलएफ़ की ओर से दिया जो रियल एस्टेट कंपनी है । कंपनी ने रॉबर्ट वाड्रा को “ग़ैर ज़मानती ब्याज मुक्त कर्ज़” दिए ।
मामले में वाड्रा और डीएलएफ़ दोनो ने आरोपों से इंकार किया ।
आईएएस अफ़सर अशोक खेमका का आरोप था कि कांग्रेस सरकार ने उन पर इसलिए निशाना साधा और परेशान किया क्योंकि उन्होंने रॉबर्ड वाड्रा और डीएलएफ़ के बीच समझौते को रद्द कर दिया था ।
राजस्थान सरकार ने 2015 में 3744 हेक्टेयर जमीन की म्यूटेशन (लैंड ट्रांसफर) रद्द कर दी थी । लैंड डिपार्टमेंट की ओर से अवैध निजी आवंटन की शिकायत पर लैंड ट्रांसफर रद्द किए गए थे ।शिकायत में कहा गया था कि आवंटन गैरकानूनी तरीके से किए गए ।
यह मामला 34 गांवों की जमीन सरकारी अफसरों की साठगांठ से हथियाने का आरोप था कि रॉबर्ट वाड्रा ने यह जमीन खरीदी थी लेकिन बाद में बेच दी।