तीन बार मुख्यमंत्री रहे एन डी तिवारी जी अब इस दुनियाँ में नहीं रहे उनका निधन हो गया है।
कुछ समय से उनकी तबीयत खराब थी । उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती भी किया गया था । आज ही उनका जन्मदिन भी है ।
वह अकेले राजनेता थे जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद वे उत्तरांचल के भी मुख्यमंत्री बने।
एनडी तिवारी पहली बार 1952 में विधायक बने।
एनडी तिवारी पहली बार 1976 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने ।
वे पाँच बार विधायक रहे और तीन बार यूपी के सीएम
1980 में इंदिरा गांधी शाशन में न उन्हें योजना मंत्री बनाया गया उसके बाद में वित्त, विदेश जैसे कई बड़े मंत्रालय संभाले ।
2002 में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बन एनडी तिवारी ने इतिहास रच दिया और दो राज्यों के मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते राजनेता बन गए ।
2007 में एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी बने ।
2009 में एक सेक्स स्कैंडल में फंसने व एक तेलगू चैनल ने तीन लड़कियों के साथ उनकी तस्वीर वायरल होने के बाद उन्हें राज्यपाल पद से इस्तीफा देना पड़ा ।
नारायण दत्त तिवारी का जन्म 1925 में नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था।
तिवारी के पिता पूर्णानंद तिवारी वन विभाग में अधिकारी थे।
नारायण दत्त तिवारी की शुरुआती शिक्षा हल्द्वानी, बरेली और नैनीताल में हुई।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने राजनीतिशास्त्र में एमए किया। इसी विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की।
1951-52 में उत्तर प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव में तिवारी ने नैनीताल (उत्तर) सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर हिस्सा लिया और चुनाव जीत गए ।
कांग्रेस के साथ तिवारी का रिश्ता 1963 से शुरू हुआ।
1965 में वह कांग्रेस के टिकट पर काशीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए और पहली बार मंत्रिपरिषद में उन्हें जगह मिली।
राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी दावेदारी की चर्चा भी हुई।
बाद में तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए लेकिन यहां उनका कार्यकाल बेहद विवादास्पद रहा।