सर्वनाम – भेद परिभाषा और उदाहरण sarvnam kise kahte hain
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सर्वनाम की परिभाषा : sarvnam ki paribhasha :
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहा जाता है। सर्वनाम संज्ञाओं की पुनरावृति रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनता है। अर्थात व्याकरण में सर्वनाम ऐसे शब्दों को कहते हैं, जिनका प्रयोग सब प्रकार के नामों के लिए या उनके स्थान पर होता है।
सर्वनाम शब्द दो शब्दों के मेल से बना है- सर्व + नाम। सर्व का अर्थ है- सबका। सर्वनाम का अर्थ है- ‘सबका नाम’।
जैसे- मैं, हम, वह, तुम, ने आदि।
सर्वनाम के उदाहरण:
उदाहरण समझने के लिए इन वाक्यों को पढ़ना होगा:
- गाय एक पालतू जानवर है
- गाय हिन्दू धर्म में पूजनीय मानी जातीं है
- गाय से हमें दूध मिलता है
अब सर्वनाम का प्रयोग:
- गाय एक पालतू जानवर है
- वे हिन्दू धर्म में पूजनीय मानी जातीं है
- उनसे से हमें दूध मिलता है
इन वाक्यों में संज्ञा ‘गाय’ दुहराए जाने पर वाक्य अच्छे नहीं लग रहे थे , जबकि नीचे ‘वे’ और ‘उनसे’ के प्रयोग से वाक्य सुंदर बने। अतः उक्त वाक्यों में ‘वे’ और ‘उनसे’ सर्वनाम हैं।
मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, कोई और कुछ आदि।
सर्वनाम के भेद:
सर्वनाम के निम्न भेद होते हैं –
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- संबंधवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
1.पुरुषवाचक सर्वनाम –
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता द्वारा खुद के लिए या दुसरो के लिए किया जाता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। या जिन सर्वनाम शब्द का प्रयोग बोलने वाला अपने लिए, सुनने वाले के लिए तथा उस व्यक्ति के लिए जिसके बारे में वह बात कर रहा है, प्रयुक्त करता है, वे सभी ‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं।
जैसे- मैं, मेरा, मुझे, हम, हमारा, हमें, तू, मेरा, तुझे, तुम, तुम्हारा, तुम्हें, वह, वे, उन्हें, यह, ये, इन्हें आदि।।
पुरुषवाचक सर्वनाम के उदाहरण:
नीचे लिखे उदाहरणों को देखें –
मैं फिल्म देखना चाहता हूँ।
तुम अपनी पुस्तक उसे दे दो।
वे कब तक आयेगे।
पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं-
(i) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम –
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाला खुद के लिए या अपने लिए करता है वे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं ।
जैसे: मैं, मेरा, मेरे, मेरी, मुझे, मुझको, हम, हमें, हमको, हमारा, हमारे, हमारी आदि ।
उदाहरण– 1.मैं फुटबॉल खेलता हूँ। 2. हम दो हमारे दो। 3. मेरी किताब मुझे दो।
(ii) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम –
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाले के द्वारा सुनने वाले के लिए किया जाता है उसे मध्यम पुरूष कहते हैं ।
जैसे : तू, तुझे, तुझको, तेरा, तेरे, तेरी, तुम, तुम्हे, तुमको, तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी, आप आदि ।
उदहारण: – तुम बहुत अच्छे हो। तुम्हारी याद आ रही है।
(iii) अन्य पुरुष –
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में बात करने के लिए करता है उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे: यह, वह, ये, वे,उसे आदि ।
उदाहरण: वह बहुत खुबसूरत है, उसे लेकर आना
2.निश्चयवाचक सर्वनाम –
जिन सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से पास या दूर की किसी निश्चित वस्तु, व्यक्ति या स्थान का बोध हो वे शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
जैसे: यह , वह , ये , वे आदि। दूर के लिए वह का प्रयोग होता है, जबकि पास के लिए यह का प्रयोग होता है।
निश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण:
ये पुस्तकें मेरी हैं।
वे मिठाइयाँ हैं।
यह एक गाय है।
वह तुम्हारी साइकिल है।
दिए वाक्य में यह, वह, ये, वे आदि का इस्तेमाल निश्चित वस्तु के लिए हुआ है
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अनिश्चयवाचक सर्वनाम –
जिन सर्वनाम शब्दों से वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि की निश्चितता का बोध नही होता वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- कुछ, कोई आदि।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण:
बाहर कोई बुला रहा है।
दूध में कुछ पड़ा हुआ है।
मुझे कुछ खाना है।
कोई आ रहा है।
4. संबंधवाचक सर्वनाम –
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु या व्यक्ति का सम्बन्ध बताने के लिए किया जाए वे शब्द सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। अर्थात जो सर्वनाम शब्द दो भिन्न-भिन्न बातों में संबंध जोड़ने का काम करते हैं, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं; जो, जिसकी, जैसा आदि।
सम्बन्धवाचक सर्वनाम के उदाहरण:
जैसे :- जो-सो, जैसा-वैसा आदि।
जैसा करोगे, वैसा भरोगे।
जो सोवेगा सो खोवेगा जो जागेगा सो पावेगा।
जैसा बोओगे वैसा काटोगे।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम –
जिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के बारे में कोई सवाल पूछने या उसके बारे में जानने के लिए किया जाता है उन शब्दों को प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे: कौन, क्या, कब, कहाँ का प्रयोग ।
प्रश्नवाचक सर्वनाम के उदाहरण:
बाहर कौन आया है?
आप किसे बुला रहे हैं?
आपने क्या खाया है?
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निजवाचक सर्वनाम –
जिन सर्वनामों शब्दों का प्रयोग स्वयं के लिए किया जाता है अर्थात वक्ता किसी चीज़ को अपने साथ दर्शाने या अपनी बताने के लिए करता है उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे- अपने, आप, स्वयं, खुद, निज आदि।
निजवाचक सर्वनाम के उदाहरण:
मैं अपने काम स्वयं करता हूँ।
मैं वहां से अपने आप आ गया।
तुम्हें भी स्वयं जाना पड़ेगा।
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