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वाक्य की परिभाषा Vakya Ki Paribhasha

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वाक्य और वाक्य के भेद(Vakay or vakay ke bhed)

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वाक्य की परिभाषा – Vakya Ki Paribhasha :

शब्दों के एक सार्थक समूह को ही वाक्य कहते हैं।

सार्थक का मतलब होता है अर्थ रखने वाला। यानी शब्दों का ऐसा समूह जिससे कोई अर्थ निकल रहा हो, वह वाक्य कहलाता है।

दूसरे शब्दों में : सार्थक शब्द या शब्दों का वह समूह जिससे वक्ता का भाव स्पष्ट हो जाए, वाक्य कहलाता है।

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वाक्य के भेद – Vakya ke Bhed : वाक्यों का वर्गीकरण

वाक्यों का वर्गीकरण

  1. संरचना के आधार पर
  2. अर्थ के आधार पर

संरचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं:

  1. सरल वाक्य
  2. सयुंक्त वाक्य
  3. मिश्रित/ मिश्र वाक्य

  1. सरल वाक्य

ऐसा वाक्य जिसमे एक ही क्रिया एवं एक ही कर्ता होता है या जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य एवं एक ही विधेय होता है, वे वाक्य सरल वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण: आशा अच्छा गाती है।

  बालक खेलता है।

  1. सयुंक्त वाक्य

ऐसा वाक्य जिसमे दो या दो से अधिक उपवाक्य हो एवं सभी उपवाक्य प्रधान हों, ऐसे वाक्य को सयुंक्त वाक्य कहते हैं। जिस बडे वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य जुड़े हुए हो, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।

संयुक्त वाक्य और तथा, अथवा, नही तो, किन्तु, परन्तु आदि योजक अव्ययों को लगाने से बनते है।

उदाहरण : वह सुबह गया और शाम को लौट आया।

मैंने बहुत परिश्रम किया किन्तु सफल नहीं हुआ।

वह चला तो था, परन्तु रास्ते से लौट गया

  1. मिश्र वाक्य

जिस वाक्य में एक उपवाक्य प्रधान होता है और दूसरा उपवाक्य उस पर आश्रित होता है, उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं। ऐसे वाक्य जिनमें सरल वाक्य के साथ-साथ कोई दूसरा उपवाक्य भी हो, वे वाक्य मिश्रत वाक्य कहलाते हैं। मिश्रत वाक्योँ की रचना एक से अधिक ऐसे साधारण वाक्योँ से होती है, जिनमेँ एक प्रधान वाक्य होता है एवं दूसरा वाक्य आश्रित होता है।

उदाहरण :

वह काम हो गया है जिसे करने के लिए आपने कहा था।

जो लड़का कमरे में बैठा है वह मेरा भाई है।

यदि परिश्रम करोगे तो उत्तीर्ण हो जाओगे।

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ प्रकार होते हैं:

  1. विधानवाचक वाक्य
  2. इच्छावाचक वाक्य
  3. आज्ञावाचक वाक्य
  4. निषेधवाचक वाक्य
  5. प्रश्नवाचक वाक्य
  6. विस्मयादिबोधक वाक्य
  7. संकेतवाचक वाक्य
  8. संदेहवाचक वाक्य
  1. विधानवाचक वाक्य :

    समान्य कथन या किसी वस्तु या व्यक्ति की स्थिति का बोध करने वालेवाक्य कथनात्मक वाक्य कहे जाते हैं। ऐसे वाक्य जिनसे किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध हो, वह वाक्य विधानवाचक वाक्य कहलाता है। विधानवाचक वाक्यों को विधिवाचक वाक्य भी कहा जाता है।

उदाहरण: लड़कियाँ नृत्य कर रहीं है।

राधा स्कूल चली गयी।

  1. इच्छावाचक वाक्य :

ऐसे वाक्य जिनसे हमें वक्ता की कोई इच्छा, कामना, आकांशा, आशीर्वाद आदि का बोध हो, वह वाक्य इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं। इन वाक्यों में वक्ता अपने लिए या दूसरों के लिए किसी-न-किसी इच्छा के भाव को प्रकट करता है |

उदाहरण:  आज तो कहीं से पैसे मिल जाएँ।

 आपकी यात्रा शुभ हो। दूधोँ नहाओ, पूतोँ फलो।

  1. आज्ञावाचक वाक्य :

ऐसे वाक्य जिनमें आदेश, आज्ञा या अनुमति का पता चले या बोध हो, वे वाक्य आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं। जिन वाक्यों में आज्ञा, निर्देश, प्रार्थना या विनय आदि का भाव प्रकट होता है, आज्ञार्थक वाक्य कहे जाते हैं |

 उदाहरण:  बाजार से सामान खरीद लाना।

 कृपया शान्ति बनाये रखें।

  1. निषेधवाचक वाक्य :

    इन वाक्यों में कथन का निषेध किया जाता है। सामान्यतः हिन्दी में सकारात्मकवाक्यों में ‘नहीं’, ‘न’, ‘मत’ लगाकर नकारात्मक वाक्य बनाए जाते हैं। इसके नाम से ही पता चल रहा है निषेध वाचक वाक्य हमें किसी काम के ना होने या न करने का बोध कराते हैं। जिन वाक्यों से कार्य के निषेध का बोध होता है, वह वाक्य निषेधवाचक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण: वे बाजार नहीं गए।

सूरज आज खेलने नहीं आएगा।

  1. प्रश्नवाचक वाक्य :

    इसके नाम से ही पता चल रहा है की यह प्रश्नों से सम्बंधित है। जिन वाक्योँ मेँ कोई प्रश्न किया जाये या किसी से कोई बात पूछी जाये, उन्हेँ प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैँ। प्रश्नवाचक वाक्यों में वक्ता कोई-न-कोई प्रश्न पूछता है |

उदाहरण:   क्या आप दिल्ली जा रहीं हैं ?

यह फिल्म कब ख़त्म होगी ?

  1. विस्मयादिबोधक वाक्य :

    इन वाक्यों में विस्मय, आश्चर्य, घृणा, प्रेम, हर्ष, शोक आदि के भाव अचानक वक्ता के मुँहसे निकल पड़ते हैं। यानि ऐसे वाक्य जिनमे हमेंआश्चर्य, शोक, घृणा, अत्यधिक ख़ुशी, स्तब्धता आदि भावों का बोध हो, ऐसे वाक्य विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाते हैं।

इन वाक्यों में जो शब्द विस्मय के होते हैं उनके पीछे (!) विस्मयसूचक चिन्ह लगता है। इस चिन्ह से हम इस वाक्य की पहचान कर सकते हैं।

उदाहरण:  ओह ! कितना सुन्दर दृश्य है।

ओह ! कितनी ठंड पड़ रही है।

  1. संकेतवाचक वाक्य :

    वे वाक्य जिनसे हमें एक क्रिया का दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, ऐसे वाक्य संकेतवाचक वाक्य कहलाते हैं। या जिन वाक्यों में किसी-न-किसी शर्त की पूर्ति का विधान किया जाता है । इसीलिए इनकोशर्तवाची वाक्य भी कहते हैं।

 

उदाहरण:  वर्षा होती तो अनाज पैदा होता।

अगर आज तुम जल्दी उठ जाते तो स्कूल के लिए लेट नहीं होते।

अगर तुम समय बर्बाद नहीं करते तो तुम्हारा ये हाल नहीं होता।

  1. संदेहवाचक वाक्य :

    इन वाक्यों में वक्ता प्रायः संदेह की भावना को प्रकट करता है। ऐसे वाक्य जिनसे हमें किसी प्रकार के संदेह या संभावना का बोध होता है, वह वाक्य संदेहवाचक वाक्य कहलाते हैं।

उदाहरण : हो सकता है आज धूप न निकले।

आज बहुत तेज़ बारिश हो सकती है।

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